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वाकई बहुत बडी बात है। एक समय होता था जब गांव के शहर के घर आंगल गौरयों के चह चहाट से गूंजा करता था अाज स्थिति यह है कि कही कोई चिडियां की आवाज तक नहीं आती है।
वाकई बहुत बडी बात है। एक समय होता था जब गांव के शहर के घर आंगल गौरयों के चह चहाट से गूंजा करता था अाज स्थिति यह है कि कही कोई चिडियां की आवाज तक नहीं आती है।
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