फ़रवरी २७, २०१० को जनसत्ता दैनिक के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित दुधवा लाइव का यह लेख, बाघों और उनके आवासों के विषय पर आधारित है।---कृष्ण कुमार मिश्र
Saturday, February 27, 2010
Saturday, February 20, 2010
डेली न्यूज़ एक्टीविस्ट में प्रकाशित " दुधवा लाइव"
20, फ़रवरी 2010 को डेली न्यूज़ एक्टीविस्ट में दुधवा लाइव का एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसे यहाँ पर पोस्ट कर रहा हूँ।
Thursday, February 18, 2010
दुधवा लाइव: वन्य-जीवन पर भारत की पहली हिन्दी पत्रिका
http://dudhwalive.com
दुधवा लाइव पत्रिका का सृजन उन कारणों की परिणित है, जिन्हे सरकारें व समाज़ के जिम्मेदार लोग नज़र्-ए-अन्दाज करते है। हम अपनी राष्ट्रीय प्राकृतिक संपदा के संरक्षण व संवर्धन की इस मुहिम में आप सभी को आमंत्रित करते है, जो अपने चारों तरफ़ की उन सभी गतिविधियों को देखते है, और विचार भी करते है। किन्तु बेबाकी से उस बात की अभिव्यक्ति नही कर पाते या फ़िर मीडिया के बदलते परिवेश में ऐसी महत्वपूर्ण खबरों व लेखों को जगह नही मिल पाती है। हम आप से वादा करते है कि हम आप की बात को उसके नियत स्थल तक पहुंचाने की भरसक कोशिश करेंगे। हमारी धरती की छिन्न-भिन्न होती दशा-व्यथा, वनों और उनके इतिहास, जैव-विविधिता, प्राकृतिक संपदा और उससे जुड़ा हमारा ज्ञान , जीवों पर हो रहे अत्याचार आदि महत्वपूर्ण मुद्दों की तस्वीर दुधवा लाइव के जरिए लोगों तक पहुंचायेंगे। ये एक ऐसा मंच होगा जो संरक्षित वनों व वन्य जीवों के अलावा हमारे गाँव-जेवार के पशु-पक्षियों और खेत-खलिहानों की बाते करेगा। ग्रामीण अंचल के लोगों के प्राकृतिक ज्ञान की बौद्धिक संपदा के संरक्षण को हम प्राथमिकता देंगे। इन प्रयासों में हमें आप सभी का निरन्तर सहयोग चाहिए, तभी जाकर हम अपने सही लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।बापू के शब्दों के साथ "किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है।"
धन्यवाद
संपादक/माडरेटर
दुधवा लाइव dudhwalive@live.com
कृष्ण कुमार मिश्र
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